World Malaria Day 2024 : मलेरिया मुक्त पंजाब का सपना साकार करना सेहत विभाग के लिए बड़ा मुश्किल लक्ष्य बन चुका है। सेहत विभाग ने पंजाब को साल 2021 तक मलेरिया मुक्त करने का लक्ष्य रखा था, जो फिलहाल पूरा नहीं हो सका। हेल्थ डिपार्टमेंट ने अब पंजाब को मलेरिया मुक्त करने के लिए 2024 तक का लक्ष्य साधा है। हेल्थ डिपार्टमेंट ने इस नाकामी का कारण स्टाफ की लापरवाही और निजी डॉक्टरों की मनमानी बताया है। मौजूदा रिपोर्ट के अनुसार पंजाब में पिछले साल राज्य के दस जिलों में मलेरिया का एक भी मरीज नहीं मिला है। विभाग के अनुसार पंजाब सरकार की जांच में बहुत सी कमियां है। मच्छरों के साथ जंग लड़ने वाले मल्टीपर्पज हेल्थ वर्करों के 2,958 पदों में से 15 फीसद के करीब खाली पड़े हैं। वहीं बहुत से विभाग जो इस मुहिम से जुड़े है, वो गांव-गांव में जाकर सही से जांच नहीं कर पा रहें है।
Malaria का केंद्र बनता जा रहा पंजाब
Malaria के ज्यादातर मरीज प्राइवेट डॉक्टरों के क्लीनिकों व अस्पतालों में एडमिट हो रहे हैं, जिसकी पूरी जानकारी प्राइवेट डॉक्टर्स सेहत विभाग को नही पहुंचा रहे है। मार्केट में Malaria के इलाज में यूज होने वाली दवाइयों की खपत सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों की खर्च से ज्यादा है। अस्पतालों व निजी लैब में जांच के बाद मरीजों का इलाज चल हो जाता है। इसके बावजूद भी विभाग सही से काम नहीं कर पा रहा।
Malaria के लिए पंजाब सरकार ने निजी डॉक्टरों पर लगाया दोष
आइएमए के राष्ट्रीय वरिष्ठ उप प्रधान डा. नवजोत सिंह दहिया तथा नीमा के प्रदेश प्रधान डा. परविंदर बजाज का कहना है, कि सेहत विभाग राष्ट्रीय कार्यक्रमों से प्राइवेट डॉक्टरों को दूरी बनाए रखता है, जबकि प्राइवेट डॉक्टर पूरी तरह से सहयोग देने के लिए तैयार हैं। हेल्थ डिपार्टमेंट मलेरिया मुक्त पंजाब बनाने की कोशिश में शामिल होगा, तो वे अहम भूमिका अदा करेंगे।