भगवान विष्णु के कल्कि अवतार के बारे में आप सभी ने सुना होगा। स्कंद पुराण के दशम अध्याय में कल्कि अवतार का उल्लेख है।

अग्नि पुराण के सोलहवें अध्याय में कल्कि अवतार का चित्रित रूप है, जिसमें वह सफेद घोड़े पर सवार है।

कल्कि अवतार के विषय में पूरी दुनिया में बहुत से मिथ है, इसलिए यह कहना भी बहुत कठिन है कि कल्कि अवतार होना बाकि है, या पहले ही हो चुका है।

कल्कि पुराण के अनुसार भगवान विष्णु का यह अवतार हाथों में चमचमाती तलवार लेकर युद्ध के लिए निकलेगा। बौद्ध, जैन और म्लेच्छों को पराजित कर यह सनातन धर्म की स्थापना करेगें।

अगर हम हिंदू पुराणों की बात करें तो उसके अनुसार कल्कि का अवतार 3102 ईसा पूर्व के बाद होगा। लेकिन वही बौद्धकाल के पुराणों में देखा जाए तो भगवान बुद्ध ही कल्कि अवतार है।

कल्कि के जन्म का तथ्य इसलिए भी झुठलाया जा सकता है, क्योंकि उत्तर प्रदेश के गांव संभल में जहां कल्कि के अवतार की बात लिखी गई है। वहां पहले से ही कल्कि का मंदिर स्थापित किया जा चुका है।

साफतौर पर देखा जाए अगर जब किसी की भी पूजा अर्चना शुरु की जाती है, तो वह उसके जन्म के बाद ही संभव है। विशेषकर हिंदू धर्म में।

वही जैन समुदाय का मानना है कि कल्किराज का जन्म महावीर के निर्वाण के 1 हजार साल बाद हुआ। जैन समाज के उत्तर पुराण में कल्किराज के विषय में लिखा है कि उन्होनें 40 वर्ष तक राज किया और 70 वर्ष में उनकी मृत्यु हो गई।

जैन समाज के अनुसार देखा जाए तो महावीर के बाद भारत में गुप्त वंश का शासन था। वही जैन धर्म में जिस तरह कल्कि के विषय में बताया गया है, तो वह हूण शासक मिहिरकुल से मिलता-जुलता दिखता है।

कल्कि के विषय पर जल्द अमिताभ, दीपिका और प्रभास द्वारा अभिनीत की गई फिल्म रिलीज होनें वाली है।

यह तय करना अब आपके ऊपर है, कि कल्कि का जन्म हो चुका है, या होना बाकि है। क्योंकि तथ्य और पाखंड़ मे फर्क होता है। बाकि कल्कि अवतार के विषय में धर्म-ग्रंथो का ज्ञान रखने वाले लोग बेहतर बता पाएंगें।