Swine flu Outbreak : छूने से फैल जाएगी यह बीमारी, क्या है बचाव के उपाय, राजस्थान और असम में अब तक 100 केस दर्ज

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Swine flu
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Swine flu Outbreak : 15 साल पहले पूरी दुनिया भर में कहर बरपाने वाले स्वाइन फ्लू के लक्षण एक बार फिर से भारत के असम तथा राजस्थान राज्य में देखने को मिले हैं।देश के पूर्वांचल के असम राज्य के हैलाकांडी जिले में 15 महीने की बच्ची फरहाना खानम को स्वाइन फ्लू ने अपनी चपेट में ले लिया जिससे उनकी मौत हो गई।असम की ही बराक वैली में ही स्वाइन फ्लू के केस लगातार बढ़ रहे हैं।जिसको देखते हुए राज्य में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है।वही देश के पश्चिमी हिस्से के राज्य राजस्थान में जितनी तेजी से गर्मी बढ़ रही हैं उतनी ही तेजी से स्वाइन फ्लू के केस भी बढ़ रहे हैं। जिसको देखते हुए राजस्थान सरकार ने पूरे प्रदेश में हाई अलर्ट जारी कर दिया है।साल 2009 में स्वाइन फ्लू नामक रोग पहली बार इंसानों में पाया गया और पूरी दुनिया की मीडिया ने इसके बारे सुनाया और लिखा।उस समय यह इतनी तेजी से फैला की विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) me इसको महामारी घोषित कर दिया।इस महामारी में पूरी दुनिया में उस समय कहर बरपाया।सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार साल 2009 में स्वाइन फ्लू से पूरे विश्व में लगभग 5 लाख 75 हजार लोगों की मौत हुई थी।लेकिन 2010 तक आते आते इसके केसेज केंटोल में आ गए और यह महामारी नही रह गई।अब एक बार फिर से भारत के अलग-अलग राज्यों में तेजी से बढ़ रहे स्वाइन फ्लू के मामले चिंता का विषय बन गए हैं।

जानें Swine flu के बारे में सब कुछ

स्वाइन फ्लू को H1N1 वायरस भी कहते हैं। यह इंफ्लुएंजा के एक नए स्ट्रेन जैसा है, क्योंकि इसके लक्षण भी सामान्य फ्लू जैसे ही होते हैं। स्वाइन फ्लू मूल रूप से सूअरों में होने वाली बीमारी है, जो इंसानों में भी फैल गई। इंसानों में इसका संक्रमण रेट यानी एक व्यक्ति से दूसरे में फैलने की गति काफी तेज है। इसके H1N2 और H1N3 वैरिएंट भी हैं। हालांकि, इंफ्लुएंजा के ये वैरिएंट इंसानों में उतनी तेजी से नहीं फैलते हैं। इनके केस भी बहुत कम ही देखने को मिलते हैं।

Swine flu
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Swine flu के प्रमुख लक्षण 

स्वाइन फ्लू एक तरह की रेस्पिरेटरी डिजीज है, जो हमारे श्वसन तंत्र को प्रभावित करती है। इसके लक्षण किस तरह नजर आते हैं। सीवियर केस में रेस्पिरेटरी फेल्योर हो सकता है या मौत हो सकती है। हालांकि, ऐसा रेयर केसेज में ही होता है। अधिकांश मामलों में इसके लक्षण सामान्य होते हैं। इससे छोटे बच्चों, उम्रदराज लोगों, गर्भवती महिलाओं और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों को ज्यादा जोखिम हो सकता है।

किन्हें ज्यादा नुकसान पहुंचा सकता है Swine flu?

कुछ लोगों के लिए स्वाइन फ्लू ज्यादा खतरनाक साबित हो सकता है। इनमें गंभीर लक्षण दिख सकते हैं या हेल्थ कंडीशंस बिगड़ सकती हैं। जब स्वाइन फ्लू की शुरुआत हुई तो इसने सबसे ज्यादा नुकसान 5 साल से कम उम्र के बच्चों और अर्ली टीनएजर्स को पहुंचाया था।

कैसे फैलता है Swine flu

स्वाइन फ्लू एक प्रकार के इंफ्लुएंजा वायरस के कारण होता है। यह वायरस सूअरों के शरीर में होता है। इंसानों में यह बीमारी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में आसानी से और तेजी से फैलती है। साल 2009 के करीब स्वाइन फ्लू का डर इस कदर बढ़ गया था कि लोग सूअरों को मारकर जमीन में दफना रहे थे। जबकि क्लीवलैंड क्लिनिक के मुताबिक, सूअर का मांस खाने से इंसानों में स्वाइन फ्लू फैलने के चांस न के बराबर होते हैं, क्योंकि खाने से पहले इसे अच्छे से पकाया जाता है। गर्मी से सभी बैक्टीरिया और वायरस खत्म हो जाते हैं। स्वाइन फ्लू से डर की सबसे बड़ी वजह यह है कि यह बेहद संक्रामक बीमारी है। यह लार और बलगम के छोटे कणों के जरिए फैलती है। जैसे- छींक, खांसी, वायरस वाली सतह को छूकर उसी हाथ से आंख या नाक को छूने पर

क्या है Swine flu का इलाज?

जो लोग स्वस्थ हैं, उन्हें स्वाइन फ्लू बहुत नुकसान नहीं पहुंचाता है। डॉक्टर इसके इलाज के लिए एंटीवायरल और बुखार की दवाएं देते हैं। साथ ही खानपान को लेकर सावधानियां बरतने और इम्यूनिटी बढ़ाने के उपाय सुझाते हैं। ज्यादा-से-ज्यादा रेस्ट करें। इससे शरीर को आराम मिलेगा और इम्यून सिस्टम को मजबूती मिलेगी। लिक्विड इंटेक बढ़ाएं। यह हमें डिहाइड्रेशन से बचाता है। खिचड़ी जैसा हल्का भोजन करें। इससे शरीर को ऊर्जा मिलेगी और पाचन तंत्र को आराम मिलेगा। खाने में फल और हरी सब्जियों की मात्रा बढ़ाएं। इससे शरीर को संक्रमण से लड़ने की शक्ति मिलेगी।
प्रिवेंशन इज बेटर दैन क्योर मेडिसिन वर्ल्ड में बेहद पुरानी लेकिन हर वक्त मौजूं एक कहावत है, ‘प्रिवेंशन इज बेटर दैन क्योर।‘ इसका मतलब है कि इलाज से बेहतर है बचाव करना। बीमारी होने के बाद इलाज कराने से हम ठीक तो हो जाते हैं, लेकिन इस दौरान शरीर का काफी नुकसान हो जाता है। इसलिए बेहतर है कि बचाव किया जाए। हम भी चाहें तो कुछ बातों को ध्यान में रखकर स्वाइन फ्लू से अपना बचाव कर सकते हैं। आइए देखते हैं-

सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन हर साल फ्लू शॉट बनाता है। इसमें H1N1 वायरस का टीका भी है। हर साल ये फ्लू शॉट लिए जा सकते हैं। यह टीका 6 महीने से अधिक उम्र के बच्चों को लगवाया जा सकता है।
अगर फ्लू फैल रहा है तो बार-बार साबुन या हैंड सैनिटाइजर से हाथ धोएं। मोबाइल, लैपटॉप और टेबलटॉप की सतह छूकर सीधे नाक, मुंह या आंखों को न छुएं। इससे पहले हाथ साफ कर लें। अगर बीमार हैं तो काम या स्कूल से छुट्टी लेकर घर पर रहें। स्वाइन फ्लू फैल रहा हो तो भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें। आमतौर पर स्वाइन फ्लू के सबसे ज्यादा मामले अक्टूबर से मई के बीच आते हैं। इसलिए इन दिनों में ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है।

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