Positive Parenting Tips : टीनएज में आ चुका है बच्चा, तो पेरेंट्स इस तरह आए पेश

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Positive Parenting Tips : जैसे-जैसे बच्चों की उम्र बढ़ती जाती है वैसे-वैसे पेरेंट्स को अपनी परवरिश का तरीका बदल देना चाहिए। अगर आपका बच्चा भी टीनएजर हो चुका है, तो आपको उनकी देखभाल में कुछ नए तरीकों को ऐड कर लेना चाहिए। बच्चों की परवरिश करना माता-पिता के लिए एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी होती है। अगर इस दौरान किसी तरह की कमी रह जाती है तो बच्चे भविष्य में सफल नहीं हो पाते हैं। हालांकि, टीनएज बच्चों को समझना थोड़ा मुश्किल होता है, लेकिन आपके पास एक यह ऐसा समय है यदि बच्चा समझ तो सही है नहीं तो उनका भविष्य खराब हो सकता है। टीनएज में बच्चों की परवरिश बड़ी ही सावधानी से करनी चाहिए नहीं तो पेरेंट्स और बच्चे के बीच में दूरियां आ जाती हैं। टीनएज में बच्चों की परवरिश के लिए कुछ खास टिप्स बताए गए हैं जो आपके काम आएंगे।

बच्चों के दोस्त बनें

जब तक बच्चे छोटे होते हैं माता-पिता को उन्हें एक पेरेंट्स की तरह ही ट्रीट करना चाहिए। जब आपका बच्चा टीनएज में आ जाता है तो आपको उसके साथ थोड़ी शक्ति बरतनी चाहिए। अगर आप उनके साथ ज्यादा स्ट्रिक्ट होते हैं तो वह गलत व्यवहार करने लग जाते हैं। जब आप उन्हें कुछ अच्छा भी सिखाते हैं तो वह उन्हें बुरा लगता है इसलिए जरूरी है कि आप बच्चों के दोस्त की तरह उन्हें ट्रीट करें। जब आप बच्चों से घुल मिलकर दोस्त की तरह लगाव रखते हैं तो वह आपको सारी बातें बताते हैं। जब आप बच्चों से गुस्से स्वभाव से बात करेंगे तो वह भी चिड़चिड़ा हो जाते हैं।

बच्चों को सोचने की आजादी दें

जब बच्चे छोटे होते हैं तो हम उन्हें बिना परमिशन के कहीं आने-जाने नहीं देते हैं। पेरेंट्स को टीनएज के समय में बच्चों को थोड़ी बहुत आजादी जरूर देनी चाहिए। टीनएज में आते ही जब बच्चों को रोक-टोक किया जाता है तो वह चिड़चिड़ा हो जाते हैं पेरेंट्स को बच्चों को अपनी फैसले लेने की आजादी देनी चाहिए। बच्चों को किस सब्जेक्ट की पढ़ाई कर रही है कि फील्ड में जाना है ? क्या खाना खाना है कौन से मुद्दे उन्हें अच्छे लगते हैं ? इस बारे में उन्हीं को फैसला लेने दीजिए। पेरेंट्स को टीनएज के दौरान बच्चों से किसी तरह की जबरदस्ती नहीं करनी चाहिए।

बच्चों की बातों से इरिटेट न हों

कई ऐसे पेरेंट्स होते हैं जो अपने बच्चों की कुछ आदतों से परेशान होने लगते हैं। ऐसे में पेरेंट्स को परेशान नहीं होना चाहिए बल्कि बच्चों में होने वाले इस बदलाव को मैच्योरिटी के साथ हैंडल करना चाहिए। जब बच्चे टीनएज में आते हैं तो सिर्फ फिजिकल ही नहीं बल्कि हर हार्मोनल चेंज भी आते हैं। अगर आपका बच्चा भी टीनएज में है तो आपको उन्हें समझना चाहिए बच्चों को समय-समय पर मूड स्विंग्स होते हैं। माता-पिता को बच्चों की परवरिश के दौरान उनके मन में आने वाली हर एक बात को अच्छी तरह से जानना चाहिए।

बच्चों को समय दें

जब आपके बच्चे टीनएज में आ जाते हैं तो माता-पिता को बच्चों को अकेला नहीं छोड़ना चाहिए। आपको अपने बच्चों को पूरा समय देना चाहिए इसके लिए आप वीकेंड प्लानिंग कर सकते हैं बच्चों के साथ क्वालिटी टाइम बिता सकते हैं। एक बार ऐसा होता है कि टीनएज में बच्चे मन ही मन में कुछ बातों को सोच कर परेशान होने लगते हैं। ऐसे में पेरेंट्स की जिम्मेदारी बनती है कि वह उनके लिए सॉल्यूशन बताएं और उनके साथ रहे।

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