Nalanda University : दुनिया को बदलने में नालंदा ने निभाई खास भूमिका, मोदी सरकार ने दिया पुनः जीवन

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Nalanda University :  1,749 करोड़ रुपये की लागत से बने इस नए कैंपस में दो अकैडमिक ब्लॉक हैं। इनमें 40 क्‍लासरूम हैं। यहां लगभग 1900 छात्रों के बैठने की व्यवस्था है। नए कैंपस में 300 सीटों की क्षमता वाले दो ऑडिटोरियम और लगभग 550 छात्रों के रहने के लिए एक छात्रावास भी है। इसके अलावा कैंपस में एक अंतरराष्‍ट्रीय केंद्र, 2000 लोगों की क्षमता वाला एक एम्फीथिएटर, एक फैकल्टी क्लब और एक स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स जैसी कई अन्य सुविधाएं भी हैं। इस कैंपस की एक सबसे खास बात है। इसे ‘नेट जीरो’ ग्रीन कैंपस के रूप में डिजाइन किया गया है, जो इसे सौर ऊर्जा संयंत्रों, पानी की रीसाइक्लिंग और पर्यावरण के अनुकूल सुविधाओं के साथ आत्मनिर्भर बनाता है। नालंदा विश्वविद्यालय को भारत और पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन (EAS) देशों के बीच एक सहयोगी प्रयास के रूप में देखा जाता है।

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क्या दिया दुनिया को नालंदा नें

नालंदा विश्वविद्यालय में साहित्य, खगोलशास्त्र, मनोविज्ञान, कानून, विज्ञान, दर्शनशास्त्र, गणित, अर्थशास्त्र, चिकित्सा विज्ञान, आयुर्वेद, योग जैसे विषयों की पढ़ाई कराई जाती थी। चीन के ह्वेनसांग और इतसिंग जैसे विद्वानों ने भी भारत आने के बाद नालंदा विश्वविद्यालय का गुणगान किया था। और इसे विश्व का सबसे बड़ा विश्वविद्यालय करार दिया था। नालंदा विश्वविद्यालय स्थापत्यकला का भी अद्भुत नमूना है। यहां 300 से ज्यादा कमरे थे और सात बड़े हॉल थे। नालंदा में नौ मंजिला लाइब्रेरी थी, और माना जाता है कि इस लाइब्रेरी में 90 लाख से ज्यादा किताबें मौजूद थीं। भारतीय गणित के जनक माने जाने वाले आर्यभट्ट के बारे में अनुमान लगाया जाता है कि उन्होंने छठी शताब्दी ईस्वी में विश्वविद्यालय का नेतृत्व किया था। आर्यभट्ट ने ही दुनिया को शून्य से परिचित कराया और शून्य को अंक के रूप में मान्यता दी, जो एक क्रांतिकारी अवधारणा थी। इस शून्य ने गणितीय गणनाओं को सरल बनाया और बीजगणित जैसे अधिक जटिल विषयों को विकसित करने में मदद की।आज शून्य के बिना, हमारे पास कंप्यूटर नहीं होते। यही वजह है कि दुनिया को बदलने में नालंदा की भूमिका बेहद सराहनीय रही।

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क्या है खास नए नालंदा में

कैंपस – 450 एकड़

तालाब- 100 एकड़

पौधारोपण – 150 एकड़

विश्व का सबसे बड़ा कार्बन जीरो कैंपस

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कैसे हुआ नालंदा का पुनः आरंभ

821 साल बाद फिर से पुनर्जीवित हुआ नालंदा विश्वविद्यालय।

PM मोदी नालंदा विश्वविद्यालय के नए कैंपस का करवाया उद्घाटन।

455 एकड़ में फैला है विश्वविद्यालय, अत्याधुनिक सुविधाओं से भरपूर।

17 देशों के राजदूत नालंदा विश्वविद्यालय के उद्घाटन समारोह में हुए शामिल।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, विदेश मंत्री एस जयशंकर भी उपस्थित रहे।

बख्तियार खिलजी ने नालंदा विश्वविद्यालय में लगा दी थी आग, कई महीनों तक जलता रहा विश्वविद्यालय।

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