Gold smuggling : भारत में हर दूसरे दिन सोने की तस्करी के मामले सामने आते रहते है। खास बात यह है कि तस्करी के 10 प्रतिशत मामले ही विभाग के सामने आ पाते है। तस्करी के ज्यादा मामले इतने बड़े स्तर के होते है कि पुलिस इस तरह के मामलों से दूर हो जाती है। ऐसा ही एक मामला 3 साल पहले केरल के मुख्यमंत्री के खिलाफ आया था। लेकिन यह मामला पुलिस की फाइल में ठंडे बस्ते में चला गया। आपको बता दें कि भारत में एक चौथाई सोना तस्करी से आता है। अगर पूरे विश्व में सोने की तस्करी की बात करें, तो भारत का स्थान पहले नंबर पर आता है।
क्यों होती है सोने की तस्करी
सोने की तस्करी की बात करें, तो इसके कई कारण है। पहला विदेशों का प्रीमियम क्वालिटी का सोना भारत में बहुत मंहगा बिकता है। अब आप सोचेंगे कि इसके लिए सोने की तस्करी करने की क्या जरूरत है। सोना सही तरीके से भी तो भारत लाया जा सकता है। असल में भारत मे सोने का आयात शुल्क 12.5 फीसदी है। इसके ऊपर 3 प्रतिशत जीएसटी भी लागू होती है। अब अगर कोई सरकार को इतना कर देकर सोना भारत लाता है, तो उसको कम ही बचत होगी। इस कारण बड़े डीलर कई बार एयरपोर्ट ऑथिरिटी का साथ लेकर भी तस्करी करते है। बहुत से फ्लाइट अटेंडेट कुछ पैसो के लिए तस्करो की सहायता करते है। हाल ही में एक एयर होस्टेस पकड़ी गई जो अपने प्राइवेट पार्ट में सोना छिपाकर ला रही थी। गैर कानूनी तरीके से सोना लाने के बहुत तरीके होते है, जैसे किसी कास्मेटिक आइटम, प्राइवेट बॉडी पार्ट, कई बार ड्रिंक्स और सैंडल में भी छिपाकर लाया जाता है। यह तस्करी ज्यादातर सउदी अरब या नेपाल से ही होती है।
क्या है सोने की तस्करी को लेकर कानून
सोने की तस्करी करते हुए पकड़े जाने पर धारा 135 के अंतर्गत मुकदमा दर्ज होता है। यह धारा गैर वस्त्र और सामग्रियों के परिवहन या वितरण के लिए लागू होता है। धारा 135 लगने पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाती है, जिसमें जुर्माना, जेल की सजा, या दोनों शामिल हो सकते हैं। इसके अलावा ऐसे मामलों में मुजरिम की आजीवन विदेशी यात्रा पर भी रोक लग सकती है। साथ ही तस्करी किए हुए सोने को जब्त कर लिया जाता है। सोने पर जांच के आदेश भी दिए जाते है।