Buddha Purnima 2024 : बुद्ध पूर्णिमा, जो बुद्ध जयंती के नाम से भी प्रचलित है। बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए सबसे पवित्र और महत्वपूर्ण त्योहार है। यह दिन भगवान गौतम बुद्ध के जन्म, निर्वाण (मोक्ष प्राप्ति) और महापरिनिर्वाण (देह त्याग) की तीनो रूप का प्रतीक है। यह मई में पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है, इस बार यह त्योहार 23 मई को मनाया जाएगा। यह पर्व दुनिया भर में शांति, करुणा और ज्ञान के संदेश को फैलाता है। आइए आपको बुद्ध पूर्णिमा मनाये जाने के पीछे का कारण बताते है।
1. भगवान बुद्ध का जन्म –
बुद्ध पूर्णिमा सबसे पहले भगवान गौतम बुद्ध के जन्म का उत्सव है। लगभग 2500 साल पहले लुंबिनी (आधुनिक नेपाल) में राजकुमार सिद्धार्थ के रूप में उनका जन्म हुआ था। उनका जन्म मानव जाति को अज्ञानता और दुख से दूर ले जाने के लिए ही हुआ था।
2. निर्वाण प्राप्ति –
बुद्ध पूर्णिमा भगवान बुद्ध के निर्वाण प्राप्ति का भी प्रतीक है। राजकुमार सिद्धार्थ को बचपन से ही जीवन की आध्यात्मिकता और दुख का गहरा अनुभव हो गया था। उन्होंने सुख की खोज में अपना शाही जीवन त्याग दिया और एक सन्यासी के रूप में जीवन भर भटकते रहे। कई वर्षों की कठिन साधना और आत्म मंथन के बाद, बोध गया में एक पीपल के वृक्ष के नीचे तपस्या करने के बाद उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई। इसके बाद ही उन्हें “बुद्ध” यानी “जागृत” की उपाधि मिली।

3. महापरिनिर्वाण –
बुद्ध पूर्णिमा भगवान बुद्ध के महापरिनिर्वाण का भी दिन है, इस दिन जब उन्होंने अपना भौतिक शरीर त्याग दिया था। कुशीनगर में 80 वर्ष की आयु में उन्होनें समाधि ग्रहण कर ली। हालांकि, उनका उपदेश और ज्ञान उनके भक्तों के लिए मार्गदर्शक बना रहा।
4. शांति और करुणा का संदेश –
बुद्ध पूर्णिमा सिर्फ जन्म, निर्वाण और महापरिनिर्वाण का उत्सव नहीं है, बल्कि यह शांति, करुणा और ज्ञान के मार्ग का भी स्मरण है। भगवान बुद्ध ने अपने उपदेशों के माध्यम से अष्टांगिक मार्ग का प्रचार किया, जो दुख से मुक्ति का मार्ग प्रशस्त करता है।
Buddha Purnima कैसे मनाई जाती है?
बुद्ध पूर्णिमा को पूरे भारत और पूरे विश्व में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। बौद्ध मठों को फूलों और लाइटों से सजाया जाता है। भक्त भगवान बुद्ध की प्रतिमाओं पर पुष्पांजलि अर्पित करते हैं, और उनकी शिक्षाओं का प्रवचन लोगों तक पहुंचाते है। बहुत सी ध्यान और प्रार्थनाओं का आयोजन किया जाता है। कुछ स्थानों पर यात्राएं भी निकाले जाती हैं, जिसमें भगवान बुद्ध की झांकियां सजाई जाती हैं। इस दिन दान का भी विशेष महत्व होता है। लोग जरूरतमंदों को भोजन और वस्त्र दान करते हैं। कई जगहों पर विशेष भोज का आयोजन भी किया जाता है। Buddha Purnima का त्योहार हमें भगवान बुद्ध के पवित्र कार्यों की याद दिलाता है। यह दिन हमें शांति, करुणा और ज्ञान के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है। यह त्योहार हमें यह भी सिखाता है कि जीवन में दुख तो है, लेकिन उससे मुक्ति का मार्ग भी है।