देश में कई जगह गणेश चतुर्थी मनाई जाती है, लेकिन 10 दिन का यह उत्सव देश में बहुत सी जगह विशेष तरीके से बनाया जाता है।
वैसे तो आपने बप्पा के बहुत से उत्सव के बारे में पढ़ा होगा। लेकिन हैदराबाद का यह उत्सव बहुत ही खास है।
हैदराबाद के खैरताबाद में गणेश उत्सव की शुरुआत 1954 में ही हो गई थी। इस उत्सव की शुरुआत स्वतंत्रता आंदोलन के कार्यकर्ता सिंगारी शंकरैया ने की थी।
साल 1954 में यहां पहली बार एक फुट ऊंची गणेश जी की प्रतिमा स्थापित की गई थी।
यह एक फुट की गणेश की प्रतिमा हर साल एक फुट बढ़ाई जाती है। इस साल यह प्रतिमा 70 फुट की बनाई गई है।
इस मू्र्ति का काम आंध्र प्रदेश के काकीनाडा के कलाकार करते है। पर्यावरण प्रदूषण को ध्यान में रखते हुए मूर्ति को मिट्टी से बनाया जाता है।
हर साल हजारों की संख्या में लोग यहां गणेश उत्सव देखने आते है। इस उत्सव की तैयारी गणेश चतुर्थी से एक हफ्ते पहले ही हो जाती है।
खैरताबाद के गणेश की मूर्ति के साथ ही यहां का गणेश जी को चढ़ाया जाने वाला लड्डू भी बहुत प्रसिद्ध है। 2016 में चढ़ाया गया लड्डू 29,465 किलोग्राम का था, इसका रिकॉर्ड गिनीज बुक में भी दर्ज है।
यह प्रतिमा स्थापित करने का उद्देश्य हिंदू-मुस्लिम एकता को बढ़ावा देना था।
10 दिन के उत्सव के बाद 11 वें दिन प्रतिमा का विसर्जन हुसैन सागर झील में किया जाता है।
साउथ की फेमस मूवी सागर संगमम में कमल हसन इसी मूर्ति के सामने डांस करते हुए दिखाये गए है।