हिंदू भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि का विशेष स्थान है, इस दिन को गणेश चतुर्थी या कलंक चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है।
इस बार गणेश चतुर्थी की तिथि 6 सिंतबर को 3 बजे से शुरु होकर 7 सिंतबर को 8:45 बजे समाप्त होगी।
गणेश चतुर्थी पर अगर आप गणपति की स्थापना करते है, तो कुछ बातों का खास ख्याल रखें।
गणेश जी की पूजा में भूलकर भी तुलसी दल या केतकी का फूल न चढ़ाएं।
गणेश जी को लाल रंग अधिक प्रिय है, इसलिए पूजा मे लाल रंग का वस्त्र अवश्य रखें।
गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रमा को नही देखना चाहिए। अगर आप भूल से चंद्रमा को देख लेते है तो आप किसी के घर पर छोटे पत्थर के टुकड़े फेंक सकते है।
गणेश चतुर्थी की पूजा में काले रंग का इस्तेमाल न करें। काला रंग यम की निशानी माना जाता है। साथ ही यह विरोधाभास का भी प्रतीक है।
गणेश जी की पूजा में केले के पत्तो का भी प्रयोग न करें। क्योंकि केले में विष्णु भगवान का राज होता है।
आप जितने भी दिन गणेश जी की प्रतिमा घर में रखें, ध्यान रहे कि रात के समय भी प्रतिमा के पास उचित रोशनी की व्यवस्था हो।
गणेश चतुर्थी के दिन तामसिक पदार्थों का सेवन भूलकर भी न करें।
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