10 मई को अक्षय तृतीया पर बाबा केदारनाथ का धाम भक्तों के लिए खुल गया है।

बाबा केदारनाथ को 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक जाना जाता है।

हिंदू मान्यता के अनुसार महाभारत का युद्ध खत्म होने के बाद कृष्ण जी ने पांडवो को शिव जी से क्षमा मांगने के लिए भेजा।

शिव जी पांडवो को क्षमा नही करना चाहते थे, इसलिए वह पहाड़ों पर नंदी का रूप धारण करकें छिप गए।

5 पांडव में से किसी ने भी शिव जी को नहीं पहचाना, लेकिन भीम ने शिव जी को पहचान लिया। पहचानें जानें पर शिव जी को पांडवो को क्षमा करना ही पड़ा।

लेकिन शिव जी पांडवो से 5 गुप्त स्थानों पर मिलें। जिसमें - केदारनाथ में उनके कूल्हे, रूद्रनाथ में उनका मुख, तुंगनाथ में हाथ, मध्यमहेश्वर में उनका पेट और कल्पेश्वर में जटाएं मौजूद है।

बाबा केदारनाथ के बाद इसलिए इन 5 धामों के दर्शन करने की परंपरा है।

बाबा केदारनाथ के बाद बाबा बद्रीनाथ के दर्शन भी जरूर करें।

माना जाता है कि बाबा केदारनाथ के दर्शन करने से आपको सभी पापों से  मुक्ति मिल जाती है और अंत में आपको मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है।