Sarabjit Singh : भारतीय नागरिक सरबजीत सिंह के हत्यारे आमिर सरफराज की कुछ अनजान लोगों ने गोली मारकर हत्या कर दी। सरबजीत पर पाकिस्तान सरकार ने आरोप लगाया था कि सरबजीत भारतीय जासूस थे। इसी आरोप के चलते सरबजीत आजीवन पाकिस्तान जेल में रहे। 1990 को पाकिस्तान जेल में गए सरबजीत को 2013 में साथी कैदियों ने हमला कर दिया। इस हमले में सरबजीत की मौत हो गई।
कौन है अमीर सरफराज
अमीर सरफराज का जन्म 1979 में लाहौर में हुआ था। अमीर सरफराज नें लश्कर-ए-तयैबा के संस्थापक का करीबी भी था। जेल में सरबजीत पर हमला करने के आरोप मे उस पर मुकदमा दर्ज किया गया था। पाकिस्तान सरकार की लापरवाही के चलते सबूतो की कमी का हवाला देते हुए पाकिस्तान की अदालत ने उसको बरी कर दिया था। अमीर सरफराज पर लाहौर का डॉन, ट्रेकन गिरोह का सदस्य होने के आरोप भी थे।
कैसे बनें सरबजीत पाकिस्तान की जेल के कैदी
मूलरूप से पंजाब के निवासी सरबजीत सिंह को जासूसी के आरोप में पंजाब बॉर्डर से पाकिस्तानी पुलिस ने पकड़कर जेल में डाल दिया था। सरबजीत को लाहौर जेल की कोट लखपत जेल में रखा गया था। सरबजीत के लिए उस समय की केंद्र सरकार ने कोई खास फैसला नहीं ले पाए थे। सरबजीत की बहन ने पाकिस्तान के एक वकील के साथ मिलकर बहुत लंबे समय तक सरबजीत के लिए लड़ाई लड़ी। लेकिन 2001 में संसद हमले के दोषी अफजल गुरू को फांसी की सजा दिए जाने पर साथी कैदियों नें पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। सरबजीत की जांच रिपोर्ट में सिर पर ईंट के हमलों की बात सामने आई थी। हमले के बाद सरबजीत को लाहौर के जिन्ना अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। कुछ दिनों बाद सरबजीत नें दम तोड़ दिया था। सरबजीत के शव को भारत लाया गया था, इस सबके बीच सरबजीत की बहन और उनके परिवार ने बहुत परेशानियां झेली। पाकिस्तान सरकार ने हमले की बात भारत के लोगों से छुपाकर रखी, सरबजीत का शव भारत लाने के बाद ही यह बात पता चली।