नेपाली परंपरा के अनुसार हर साल कुमारी देवी यात्रा निकाली जाती है।

नेपाल में हर साल यह त्योहार सितंबर में 8 दिनों तक मनाया जाता है।

पूरी दुनिया में सिर्फ नेपाल में ही जीवित देवियों की पूजा होती है। इन्हें कुमारी देवी भी कहते है।

नेपाल के लोग कुमारी देवी के दर्शन को बहुत शुभ मानते है।

कुमारी देवी को चुनने की प्रथा बहुत ही खास है, यह बौद्ध धर्म के लामा को चुनने की तरह है।

कुमारी देवी का चयन नेपाल का खास सुमदाय नेवारी करता है।

कुमारी देवी का चयन उनकी जन्म कुंडली के अनुसार किया जाता है। इसके बाद कुछ इनके साथ कुछ भयानक अनुष्ठान किए जाते है।

सबसे पहले कटे भैंसे का सिर रखा जाता है, उसके बाद गांव के लोग डरावने मुखौटे लगाकर नाचते है।

जब इन अनुष्ठानों के बाद भी बच्ची नहीं डरती तब जाकर उसे देवी माना जाता है।

देवी बनने के बाद उस बच्ची को समाज से अलग रखा जाता है। चुनी हुई बच्ची अपना सारा समय धार्मिक कामों में बिताती है।

जब तक कुमारी देवी के मासिक धर्म नहीं शुरु हो जाते, तब तक उसे यह पद संभालना पड़ता है। कुमारी देवी की शादी होना बहुत मुश्किल होता है।