अगर ईडी को किसी के द्वारा काला धन जमा करने की जानकारी मिलती है तो वे छापेमारी कर सकते हैं।
अगर कोई विदेशी मुद्रा विनिमय नियमों का पालन नहीं कर रहा है तो भी छापेमारी हो सकती है।
भ्रष्टाचार के मामलों की जांच के लिए भी ईडी छापेमारी करती है।
आतंकवाद को फंडिंग करने वालों के खिलाफ कार्रवाई के लिए भी ईडी छापेमारी करती
है।
बेनामी संपत्ति या संपत्ति के दस्तावेजों में हेराफेरी के मामलों में भी छापेमारी की जा सकती है।
अगर किसी कंपनी में फ्रॉड की आशंका है तो ईडी जांच कर सकती है।
सरकारी योजनाओं में फर्जीवाड़ा या गड़बड़ी की जांच के लिए भी ईडी छापेमारी कर सकती है।
नशीले पदार्थों की खरीद-फरोख्त करने वालों के खिलाफ कार्रवाई के लिए भी ईडी छापेमारी करती है।
जाली नोटो के य़ूज और छपाई करने वालों के खिलाफ भी ईडी कार्रवाई करती है।
कुल मिलाकर, ईडी का लक्ष्य आर्थिक अपराधों को रोकना और भ्रष्टाचार पर लगाम लगाना है।
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