मध्य प्रदेश के शहर उज्जैन का नाम तो आपने सुना ही होगा।
उज्जैन के मशहूर होने का कारण यहां विराजें बाबा महाकाल और दूसरा कुंभ का मेला है।
बाबा महाकाल शिव के 12 ज्योर्तिलिंगो में से एक है। बाबा महाकाल के दर्शन के लिए दुनियाभर से लाखों लोग आते है।
भगवान शिव के इस रूप का उल्लेख शिव पुराण में भी देखा जा सकता है। कहा जाता है कि इस मंदिर के दर्शन मात्र से ही लोगो के कष्ट दूर हो जाते है।
पुराणों में भी उज्जैन नगरी को शरीर का नाभि स्थल और बाबा महाकालेश्वर को इसका देवता कहा बताया गया है।
विक्रम संवत कैलेंडर की रचना उज्जैन नगरी के राजा विक्रमादित्य ने करवाई थी।
विक्रम संवत कैलेंडर के आधार पर भारत के उत्तरी, पश्चिमी और मध्य भाग में व्रत-त्योहार मनाए जाते हैं। इस कैलेंडर की मान्यता नेपाल में भी है।
बाबा महाकाल को उज्जैन नगर का राजा कहा जाता है, इसलिए कोई भी प्रतिष्ठित व्यक्ति यहां नही रुक सकता।
आज तक जितने भी पदासीन नेता यहां रूके है, उनकी गद्दी अगले ही दिन छीन गई है। देश के चौथे पीएम मोरारजी देसाई के बारे में भी यह कहा जाता है कि वे जिस रात उज्जैन में रुके थे, उसके दूसरे दिन उनकी सरकार गिर गई थी।
बाबा महाकाल की शरण में पिछले साल विराट कोहली और अक्षय कुमार ने भी दर्शन किए थे।