होली कृष्ण राधा का उत्सव माना जाता है,  इसलिए इसको खास बनाने के लिए वृंदावन में विशेष होली का उत्सव मनाया जाता है।

लाखों लोग दूर-दूर से यहां हर साल होली खेलने आते है।

वृंदावन में होली बसंत पंचमी के दिन से शुरु हो जाती है। यहां 6 प्रकार की होली खेली जाती है।

यहां सबसे पहले फूलो की होली, लड्डू की होली, लठ्ठमार होली, दुल्हंदी होली, कीचड़ की होली खेली जाती है।

आमतौर पर आपने रंगो की होली हर जगह की देखी होगी, लेकिन कीचड़ की होली सिर्फ मथुरा और उसके पास के क्षेत्रों में खेली जाती है। इसमें लोग एक दूसरे को नाली में या गोबर मे गिराकर होली खेलते है।

वृंदावन में होली वाले दिन राधा-कृष्ण का विशेष श्रृंगार किया जाता है।

होली के दौरान रातभर वृंदावन में भारी भीड़ रहती है, होली के 5 दिन पहले से ही पूरा वृंदावन सोता नहीं है।

इन 5 दिनों के दौरान वृंदावन में प्रेमी जोड़े अपने प्रेमी के लिए राधा-कृष्ण का आर्शीवाद लेने आते है।

पूरी दुनिया के कृष्ण भक्त यहां होली बनाने है। वृंदावन के इस्कॉन मंदिर में भी इस दिन विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है।

अगर आपको होली का शौक है तो एक बार वृंदावन में होली जरुर मनाकर आएं।